हिज़बुल्लाह के बारे में जानिये। क्यों अमेरिका इसको टेररिस्ट संघटना मानता है।
अमेरिका ने इसे पहले ही १० अगस्त १९९७ को ही आतंकवादी संघटना घोषित किया है। अब जर्मनी ने भी हिज़्बुल्लाह संघटना को बैन कर दिया है। इसकी वजह से ईरान ने इसकी निंदा की है और इसका इल्जाम बुरा होगा ऐसा कहा है।
कुछ सवाल है जो आप इस पोस्ट में देखेंगे।
ईरान क्यों इतना हिज़्बुल्लाह को मानता है ?
हिज़्बुल्लाह क्या है ?
हिज़बुल्लाह का इतिहास क्या है ?
इजराइल के हिज़्बुल्लाह से रिश्ते कैसे है ?
जर्मनी ने अभी हिज़्बुल्लाह को बैन क्यों किया है ?
हिजबुल्लाह का गोल क्या है?
हिज़्बुल्लाह और लेबनान से क्या सम्बन्ध है?
हिज़्बुल्लाह की विचारधारा क्या है ?
हिज़्बुल्लाह को लेकर भारत, चीन , रूस का क्या कहना है?
पहले जान लेते है की हिज़्बुल्लाह क्या है ?
हिज़बुल्लाह ये एक शिया इस्लामवादी राजनीतिक दल और सैन्य दल है। ये लेबनान देश में बसी हुई संघटना है। लेबनान देश इजराइल के उत्तर दिशा में है।
लेबनान देश में इनके मेंबर संसद में बैठते है। इनकी खुद की अलग मिलिट्री है। लेबनान की मिलिट्री अलग और इनकी मिलिट्री अलग। ये इजराइल के खिलाफ रहती है हमेशा से।
इसका जन्म १९८५ में लेबनान में हुआ था। ये बना आयोतूला खोमेनी के काल में। इस संघटना को पैसे ईरान और कुछ यूरोपियन देशो से मिलते है।अभी इस संघटना का लीडर है हसन नसरल्लाह। ये इस संघटना का तीसरा लीडर है। इसका दूसरा लीडर अब्बास मुसावी १९९२ में इजराइल के द्वारा मारा गया।
इजराइल और लेबनान में युद्ध
लेबनान और इजराइल के बिच में २००६ में यूद्ध भी हुआ था। इसे लेबनान वॉर या फिर जुलाई वॉर भी कहते है। इनकी ३४ दिनों तक जंग चली। इस युद्ध में करीब लेबनान के १३०० आदमी की जान गयी और इजराइल के १६५ आदमी। फिर १४ अगस्त २००६ यूनाइटेड नेशन ने आकर इस जंग को ख़तम करने के लिए कहा।
हिज़्बुल्लाह चाहता क्या है ?
हिज़्बुल्लाह ने १६ फेब्रुअरी १९८५ को एक पब्लिकेशन जारी किया था। उसे The Hezbollah Program कहते है। ये एक पेपर है जह पर इन्होने अपनी आइडियोलॉजी को बताया है।
इसको लेबनान की राजधानी बैरुत से प्रकाशित किया था। इसको Al_Ouzai Mosque से इब्राहिम अमिन ने बोला था।
The Hezbollah Program को Al_Safir भी कहते है।
इसमें इन्होने बोला है की अमेरिकन्स और फ्रेंच के साथी को लेबनान से बाहर निकालना है।
जो भी Christans है इनको इस्लाम कबुल करना होगा। ऐसे कुछ कहा है इन्होने।
ईरान ने धमकी दिए है जर्मनी को
अभी जर्मनी ने हिज़्बुल्लाह के पॉलिटीवाल विंग को आतंकवादी घोषित कर दिया है। इसके मिलिट्री विंग को पहले ही आतंकवादी घोषित किया है।
अब इसकी वजह से ईरान नाराज हो गया है। ईरान ने कहा है की इसके नतीजे बुरे होंगे। ईरान ने और कहा है की Zionist और अमेरिका के सामने जर्मनी झुक गया है।
जर्मनी के इस फैसले से अब दूसरी भी यूरोपियन देश इस संघटना को आतंकवादी संघटना घोषित करने लगेंगे। इससे मिडिल ईस्ट के देश में तनाव की स्थिति निर्माण होगी।
जर्मनी ने क्या कहा है हेज़बोल्लाह के बारे में ये देखते है।
The German Interior Ministry said, "Hezbollah openly calls for the violent elimination of the state of Israel and questions the right to the state of Israel to exist."
सऊदी अरबिया ने इसका स्वागत किया है। सऊदी अरबिया हेज़बोल्लाह को सपोर्ट नहीं करता। हिजबुल्लाह बार बार सऊदी अरबिया को यमन युद्ध में धमकी देता रहता है।
भारत इसको लेकर हमेशा शांत रहता है। चाइना भी कभी इनके बारे में कभी कुछ नहीं बोलता। रशिया हिज़्बुल्लाह का बढ़ चढ़कर सपोर्ट करता है।
हिज़्बुल्लाह का मुख्य उद्देश्य क्या है ? What is the main Goal of Hezbollah?
हिज़्बुल्लाह का उद्देश्य है की लेबनान और सीरिया की तकफ़ीरी (Takfiri) से बचाना। ये तकफ़ीरी सुन्नी मुस्लिम आर्मी को कहते है। इसके जवाब में सुन्नी आर्मी स्लर (Slur) कहते है।
हिज़्बुल्लाह और हमास के बिच में क्या अंतर है।
हमास ये भी एक आतंकवादी संघटना है। ये हिज़्बुल्लाह को फॉलो करते है। जैसे हैज़ुल्लाह करता करते है। इनकी पोलिटिकल, मिलिट्री और मीडिया जैसे कराती है वैसे ही हमास करता है। हमास ये भी इजराइल के खिलाफ काम करती है।
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